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| 1950 - 2017 | 
               ओम पुरी का न रहना उतना ही तकलीफदेह है, जितना
उनके न रहने की वजह। सत्तर के दशक की कला फिल्मों के साथ उन्हे थोड़ा करीब से बनता-बढ़ता
देखने वाले लोग जानते हैं कि बेमिसाल अदाकारी के साथ साथ शराफ़त और ईमानदारी उनकी शख्सियत
का एक खास हिस्सा थी। 
उनके निधन के बाद उनके बचपन के बारे में, जवानी
के बारे में, संघर्ष के बारे, रिश्तों के बारे में, तनाव के बारे में  लगातार लेख-संस्मरण आ रहे हैं। कहां से शुरु
होकर कहां तक पहुंच गए- के लिहाज़ से देखें तो उनका जीवन एक फिल्मी नायक जैसा लगता
है लेकिन निजी और भावनात्मक पक्ष पर गौर करें तो लगता है कि वो कला फिल्म के नायक
जैसा संघर्षमय जीवन जीते रहे और एक कला फिल्म और उसके नायक की तरह ही अचानक सफ़र
खत्म कर दिया।
नोट: ओमपुरी को याद करते हुए और तमाम लेख-संस्मरणों को पढ़ते हुए बीबीसी हिंदी पर राजेश जोशी का ये संस्मरणात्मक लेख ज़रुर पढ़ना चाहिए।
http://www.bbc.com/hindi/india-38613146
नोट: ओमपुरी को याद करते हुए और तमाम लेख-संस्मरणों को पढ़ते हुए बीबीसी हिंदी पर राजेश जोशी का ये संस्मरणात्मक लेख ज़रुर पढ़ना चाहिए।
http://www.bbc.com/hindi/india-38613146

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