Note:
New Delhi Film Society is an e-society. We are not conducting any ground activity with this name. contact: filmashish@gmail.com
Wednesday, February 29, 2012
ऑस्कर में अनिल अंबानी
किसी भारतीय फिल्म या कलाकार को हर बार की तरह इस बार भी ऑस्कर पुरस्कार भले ही न मिला हो लेकिन भारत ने ऑस्कर में अपनी मौजूदगी जरूर दर्ज करवाई है-ऑस्कर विजेता फिल्म 'द हेल्प 'के ज़रिए। इस फिल्म को जिस कंपनी ने बनाया है उसके आधे मालिक अनिल अंबानी हैं। ये पहला मौका है जब भारत से जुडी किसी फिल्म कंपनी को ऑस्कर मिला हो। 2009 में अनिल अंबानी, स्टीवन स्पीलबर्ग और स्टेसी स्नाइडर ने मिलकर ड्रीमवर्क्स स्टूडियो का गठन किया था जो हॉलीवुड में फिल्में बनाते हैं। इस ज्वाइंट वेंचर की आधी हिस्सेदारी अनिल अंबानी के पास है, इस बार के ऑस्कर समारोह में रिलयांस ड्रीमवर्क्स की तीन फिल्मों ने 11 नामांकन हासिल किए थे। जाहिर है जिस कंपनी ने इन फिल्मों का निर्माण किया, उसके मालिक के नाते अनिल अंबानी भी रेड कार्पेट पर मौजूद थे। रिलायंस ड्रीमवर्क्स की फ़िल्म 'द हेल्प' को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (वॉयला डेविस), सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेत्री ( जेसिका चेसटैन और ऑक्टीविया स्पेंसर) और सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए नामांकित किया गया था। इस फ़िल्म में ऑक्टीविया स्पेंसर को सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेत्री का पुरस्कार मिला है। अनिल अंबानी-स्टीवन स्पीलबर्ग की कंपनी की फिल्म 'वॉर हॉर्स' को छह नामांकन मिले थे- सर्वश्रेष्ठ ध्वनि संपादन, ऑरिजनल स्कोर, कला निर्देशन और सिनेमेटोग्राफ़ी। जबकि ह्यू जैकमैन अभिनित फिल्म 'रियल स्टील' को विजुयल इफेक्ट के लिए नामांकन दिया गया था।
अनिल अंबानी की कंपनी स्पीलबर्ग के अलावा हॉलीवुड के और कई दिग्गजों के साथ मिलकर काम कर रही है। इसमें जॉर्ज क्लूनी का स्मोकहाउस प्रोडकशन्स, टॉम हैंक्स का प्लेटोन प्रोडक्शन्स, जूलिया रॉबर्ट्स की रेड ओम फ़िल्मस और निकोलस केज की सेटर्न फ़िल्म शामिल है। हालांकि ये ऑस्कर सफलता रियालंस ग्रुप को हॉलीवुड में कदम रखने के कई वर्षों बाद मिली है। लेकिन रिलायंस ड्रीमवर्क्स को लेकर अब भी कई सवाल बरकरार हैं क्योंकि कंपनी की ज्यादातर फिल्मों ने बहुत अच्छा कारोबार नहीं किया है। हॉलीवुड के कई बड़े सितारों के साथ डील करने के सालों बाद भी अब तक कोई फिल्म शुरु नहीं हुई है।
रियल स्टील, फ्राइट नाइट, कॉयबॉयस एंड एलियंस, आई एम नंबर फोर का प्रदर्शन खराब से लेकर औसत रहा है। हालांकि बॉलीवुड की बात करें तो रिलायंस एंटरनेटमेंट की फ़िल्मों ने काफी धमाल किया है। 2011 की बड़ी फिल्में जैसे बॉडीगार्ड, सिंघम और डॉन 2 रिलायंस की ही थीं। एक ओर जहाँ रिलांयस ने बॉलीवुड में अपने पैर जमा लिए हैं तो हॉलीवुड में वो अब भी अपनी जमीन तलाश रहा है। ऐसे में उसकी फिल्म द हेल्प को मिला ऑस्कर उसके हौसले को बढाने में मददगार साबित होगा।
- साभार: बीबीसी
Tuesday, February 28, 2012
Oscars 2012 winners
-Desk
The full list
Best cinematography
Robert Richardson, Hugo
Best art direction
Hugo
Best costume design
The Artist
Best make up
The Iron Lady
Best foreign language film
A Separation
Best actress in a supporting role
Octavia Spencer, The Help
Best film editing
The Girl with the Dragon Tattoo
Best sound editing
Hugo
Best sound mixing
Hugo
Best documentary feature
Undefeated
Best animated film
Rango
Best visual effects
Hugo
Best actor in a supporting role
Christopher Plummer, Beginners
Best original score
Ludovic Bource, The Artist
Best song
Man or Muppet, The Muppets
Best adapted screenplay
Alexander Payne, Nat Faxon, and Jim Rash, The Descendants
Best original screenplay
Woody Allen, Midnight in Paris
Best live action short
The Shore
Best documentary short
Saving Face
Best animated short
The Fantastic Flying Books of Mr Morris Lessmore
Best director
Michel Hazavanicius, The Artist
Best actor in a leading role
Jean Dujardin, The Artist
Best actress in a leading role
Meryl Streep, The Iron Lady
Best picture
The Artist
Friday, February 24, 2012
A book on 'Awadh Culture' in Indian Cinema
Muntazir Qaimi's book on the representation of Awadh culture in Indian cinema to be released on 27th feb at 5pm by Prof Imiti...yaz Ahmed and Filmmaker Muzaffar Ali at the World Book Fair, 7E, Theme Pavalion on Books on Indian Cinema managed by National Book Trust (NBT). A special screening of Umrao Jaan will follow the book release. The entire programme is dedicated to the loving memory of Shaharyar, one of the most important poets of our times.
All are invited.
(Prakash K Ray on facebook)
Appeal for 2nd National Convention of Cinema of Resistance Initiative
-(released by The Group, Jan Sanskriti Manch)
प्रिय मित्रों,
जन संस्कृति मंच (जसम) के फिल्म समूह द ग्रुप की गतिविधियों के बारे में आपको समय -समय पर सूचनाएँ मिलती होंगी. हमें बताते हुए ख़ुशी हो रही है २००६ में गोरखपुर से शुरू हुआ प्रतिरोध का सिनेमा अभियान का यह सिलसिला चार राज्यों के १२ केन्द्रों में नियमित हो चला है और जल्द ही इस अभियान से १० और केंद्र जुड़ने वाले हैं. इस सक्रियता को व्यवस्थित करने हेतु पिछले वर्ष छठे गोरखपुर फिल्म फेस्टिवल के मौके पर २४ मार्च २०११ को हमने ऐसे नए केन्द्रों का पहला राष्ट्रीय कन्वेंशन किया था.
अब मार्च १, २०१२ को दिल्ली में हम प्रतिरोध का सिनेमा अभियान का दूसरा राष्ट्रीय कन्वेंशन करने जा रहे हैं. इस कन्वेंशन का मकसद तमाम समूहों के बीच बेहतर तालमेल के अलावा इस अभियान की दिशा और दशा को परखने और जांचने का भी है. इस बाबत दिल्ली के केंद्र में स्थित गांधी शान्ति प्रतिष्ठान, दींनदयाल उपाध्याय मार्ग के हाल को १ मार्च के लिए बुक भी करवा लिया गया है.
इस राष्ट्रीय कन्वेंशन में ३० से ४० प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है. हर केंद्र के प्रतिनिधि हम सबको निम्न बिन्दुओं से अवगत करायेंगे.
१. कैसे उन्होंने अपने आयोजन किये
२. दर्शकों तक किस तरीके से पहुंचे
३. खर्चे कम करने के उपाय और फेस्टिवल का कुल खर्च
४. कमियाँ और उपलब्धियां
५. आयोजन के प्रभाव का मूल्यांकन
६. साल भर और किस तरह के आयोजन किये
७. सिनेमा गतिविधि को लेकर भावी योजनाएँ
कन्वेशन का जो प्रारूप हम लोगों ने सोचा है उसके मुताबिक़ दो सत्र होंगे.
पहला सत्र प्रतिनिधियों का होगा जो सुबह ११ से शाम ५.३० तक चलेगा जिसमे निम्न बिन्दुओं पर चर्चा होगी :
एक: प्रतिरोध का सिनेमा की अवधारणा
दो. २००६ से अब तक प्रतिरोध का सिनेमा अभियान की यात्रा का संछिप्त परिचय
तीन. प्रतिरोध का सिनेमा आयोजन कैसे करें
चार. अलग-अलग केन्द्रों के अपने अनुभव
पांच. प्रतिरोध का सिनेमा अभियान के लिए नियमित आमदनी का प्रबंध और केन्द्रों की द ग्रुप के प्रति आर्थिक जिम्मेवारी
छह : वार्षिक कलेंडर का निर्माण
सात: द ग्रुप के पदाधिकारियों का चुनाव
शाम ५.३० से ६ के बीच चाय का ब्रेक होगा.
दूसरा सत्र शाम ६ से रात ८.३० तक चलेगा और यह खुला सत्र होगा. इस सत्र में हम प्रतिरोध का सिनेमा जैसे तमाम सिने अभियानों को केन्द्रित कर नए सिनेमा प्रयास : चुनौतियां , सवाल और उम्मीद का खुला सत्र आयोजित करेंगे जिसमे शहर के महत्वपूर्ण फिल्मकारों के अलावा हमारे अभियान से जुड़े कवि-लेखक, चित्रकार, पत्रकार और एक्टिविस्ट अपनी बात रखेंगे.इस सत्र में भी अनिवार्य रूप से हमारे पुराने केन्द्रों के प्रतिनिधि अपने अनुभव साझा करेंगे.
मित्रों और प्रतिरोध का सिनेमा अभियान के शुभेच्छुओं,
आप सभी इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि प्रतिरोध एक सिनेमा अभियान अपनी शुरुआत से अब तक छोटे -छोटे सहयोग के बल -बूते विकसित हुआ है जो इसकी सबसे ख़ास बात और पहचान भी है .आपसे हम अपील करते हैं कि इस बड़े और महत्वपूर्ण आयोजन को सफल बनाने के लिए हमारी आर्थिक मदद करें. आपकी मदद किसी भी रूप में हो सकती है . चाहे आयोजन के किसी खर्च में हिस्सेदारी बटाऐं, नकद सहयोग करें या स्मारिका के लिए विज्ञापन उपलब्ध करा दें. हमें पूरी उम्मीद है कि पहले की तरह इस बार भी हमें आप[का सहयोग मिलेगा .
इस पत्र के साथ स्मारिका में छपने वाले विज्ञापन का टेरिफ कार्ड सलंग्न है. अपना व्यक्तिगत सहयोग आप चेक के जरिये हमें दे सकते हैं. चेक EXPRESSION के नाम से बनाकर मेरे ग़ाज़ियाबाद के पते पर भेज सकते हैं या सीधे हमारे खाते में डाल सकते हैं. खाते में सहयोग जमा करवाके हमें इत्तिला जरुर करें.
EXPRESSION प्रतिरोध का सिनेमा अभियान की सबसे पहले केंद्र गोरखपुर फिल्म सोसाइटी का नाम है.
Bank Account name : Expression
Bank account no. : 558802010007442
Branch : 26 Battalion PAC, Bichia, Gorakhpur
Bank : Union Bank of India
अभिवादन सहित,
संजय जोशी
संयोजक, द ग्रुप, जन संस्कृति मंच
सी - 303 , जनसत्ता अपार्टमेन्ट
सेक्टर 9, वसुंधरा, ग़ाज़ियाबाद - 201012
फोन: +91-9811577426, +91-120-4108090
प्रिय मित्रों,
जन संस्कृति मंच (जसम) के फिल्म समूह द ग्रुप की गतिविधियों के बारे में आपको समय -समय पर सूचनाएँ मिलती होंगी. हमें बताते हुए ख़ुशी हो रही है २००६ में गोरखपुर से शुरू हुआ प्रतिरोध का सिनेमा अभियान का यह सिलसिला चार राज्यों के १२ केन्द्रों में नियमित हो चला है और जल्द ही इस अभियान से १० और केंद्र जुड़ने वाले हैं. इस सक्रियता को व्यवस्थित करने हेतु पिछले वर्ष छठे गोरखपुर फिल्म फेस्टिवल के मौके पर २४ मार्च २०११ को हमने ऐसे नए केन्द्रों का पहला राष्ट्रीय कन्वेंशन किया था.
अब मार्च १, २०१२ को दिल्ली में हम प्रतिरोध का सिनेमा अभियान का दूसरा राष्ट्रीय कन्वेंशन करने जा रहे हैं. इस कन्वेंशन का मकसद तमाम समूहों के बीच बेहतर तालमेल के अलावा इस अभियान की दिशा और दशा को परखने और जांचने का भी है. इस बाबत दिल्ली के केंद्र में स्थित गांधी शान्ति प्रतिष्ठान, दींनदयाल उपाध्याय मार्ग के हाल को १ मार्च के लिए बुक भी करवा लिया गया है.
इस राष्ट्रीय कन्वेंशन में ३० से ४० प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है. हर केंद्र के प्रतिनिधि हम सबको निम्न बिन्दुओं से अवगत करायेंगे.
१. कैसे उन्होंने अपने आयोजन किये
२. दर्शकों तक किस तरीके से पहुंचे
३. खर्चे कम करने के उपाय और फेस्टिवल का कुल खर्च
४. कमियाँ और उपलब्धियां
५. आयोजन के प्रभाव का मूल्यांकन
६. साल भर और किस तरह के आयोजन किये
७. सिनेमा गतिविधि को लेकर भावी योजनाएँ
कन्वेशन का जो प्रारूप हम लोगों ने सोचा है उसके मुताबिक़ दो सत्र होंगे.
पहला सत्र प्रतिनिधियों का होगा जो सुबह ११ से शाम ५.३० तक चलेगा जिसमे निम्न बिन्दुओं पर चर्चा होगी :
एक: प्रतिरोध का सिनेमा की अवधारणा
दो. २००६ से अब तक प्रतिरोध का सिनेमा अभियान की यात्रा का संछिप्त परिचय
तीन. प्रतिरोध का सिनेमा आयोजन कैसे करें
चार. अलग-अलग केन्द्रों के अपने अनुभव
पांच. प्रतिरोध का सिनेमा अभियान के लिए नियमित आमदनी का प्रबंध और केन्द्रों की द ग्रुप के प्रति आर्थिक जिम्मेवारी
छह : वार्षिक कलेंडर का निर्माण
सात: द ग्रुप के पदाधिकारियों का चुनाव
शाम ५.३० से ६ के बीच चाय का ब्रेक होगा.
दूसरा सत्र शाम ६ से रात ८.३० तक चलेगा और यह खुला सत्र होगा. इस सत्र में हम प्रतिरोध का सिनेमा जैसे तमाम सिने अभियानों को केन्द्रित कर नए सिनेमा प्रयास : चुनौतियां , सवाल और उम्मीद का खुला सत्र आयोजित करेंगे जिसमे शहर के महत्वपूर्ण फिल्मकारों के अलावा हमारे अभियान से जुड़े कवि-लेखक, चित्रकार, पत्रकार और एक्टिविस्ट अपनी बात रखेंगे.इस सत्र में भी अनिवार्य रूप से हमारे पुराने केन्द्रों के प्रतिनिधि अपने अनुभव साझा करेंगे.
मित्रों और प्रतिरोध का सिनेमा अभियान के शुभेच्छुओं,
आप सभी इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि प्रतिरोध एक सिनेमा अभियान अपनी शुरुआत से अब तक छोटे -छोटे सहयोग के बल -बूते विकसित हुआ है जो इसकी सबसे ख़ास बात और पहचान भी है .आपसे हम अपील करते हैं कि इस बड़े और महत्वपूर्ण आयोजन को सफल बनाने के लिए हमारी आर्थिक मदद करें. आपकी मदद किसी भी रूप में हो सकती है . चाहे आयोजन के किसी खर्च में हिस्सेदारी बटाऐं, नकद सहयोग करें या स्मारिका के लिए विज्ञापन उपलब्ध करा दें. हमें पूरी उम्मीद है कि पहले की तरह इस बार भी हमें आप[का सहयोग मिलेगा .
इस पत्र के साथ स्मारिका में छपने वाले विज्ञापन का टेरिफ कार्ड सलंग्न है. अपना व्यक्तिगत सहयोग आप चेक के जरिये हमें दे सकते हैं. चेक EXPRESSION के नाम से बनाकर मेरे ग़ाज़ियाबाद के पते पर भेज सकते हैं या सीधे हमारे खाते में डाल सकते हैं. खाते में सहयोग जमा करवाके हमें इत्तिला जरुर करें.
EXPRESSION प्रतिरोध का सिनेमा अभियान की सबसे पहले केंद्र गोरखपुर फिल्म सोसाइटी का नाम है.
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