पांचवां गोरखपुर फिल्म उत्सव चार फरवरी से शुरू हो रहा है। जन संस्कृति मंच और गोरखपुर फिल्म सोसायटी के संयुक्त आयोजन में पूर्वी उत्तर प्रदेश के इस शहर में होने वाले इस फिल्म उत्सव ने काफी कम समय में अपनी एक साख बनाई है। यह फ़ेस्टिवल सिर्फ़ देश-दुनिया की नई फीचर-गैरफीचर फ़िल्में देखने-दिखाने का मंच नहीं है। यह एक सांस्कृतिक अभियान है। भारतीय भाषाओं की चुनिंदा फ़िल्मों के अलावा दुनिया भर की क्लासिक फ़िल्मों से भी एक चयन इसमें शामिल किया जाता है। इसमें का बच्चों का अलग सेक्शन है। फ़िल्मों के चयन का आधार महज़ उनमें निहित सामाजिक वक्तव्य है। फ़रवरी के पहले हफ़्ते में यह फ़िल्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल यह अपने पांचवें साल में पहुँच रहा है और चार फ़रवरी से सात फ़रवरी तक धूम-धाम से मनाया जायेगा। फ़िल्मों के साथ-साथ अन्य सांस्कृतिक आयोजन भी चलते रहते हैं। नाटकों, गीतों, पोस्टर प्रदर्शनियों और कई दूसरी कल्चरल एक्टिविटीज़ के अलावा युवा और छात्र इस फ़िल्मोत्सव का इसलिये भी इंतज़ार करते हैं क्योंकि यह विचार-विमर्श को सार्थक ज़मीन देता है। आयोजन के लिये ख़र्च आम लोगों और शुभाकांक्षियों से इकट्ठा किया जाता है। इनमें गोरखपुर फिल्म सोसायटी के साथ साथ यहां के युवा संस्कृतिकर्मियों की एक संस्था एक्स्प्रेशन और जन संस्कृति मंच के देश भर में फैले शुभचिंतक-मित्र, फिल्मकार, रंगकर्मी, साहित्यकार, पत्रकार सभी शामिल हैं।
पांचवें गोरखपुर फिल्म उत्सव के उदघाटन सत्र में दिल्ली से आ रहे महमूद फारुकी दास्तानगोई पेश करेंगे। महमूद एक पत्रकार, लेखक, फिल्मकार, रंगमंच कलाकार रहे हैं जिन्होने बीसवीं शताब्दी के शुरुआती दशकों में लुप्त हो चुके दास्तानगोई नाम के फ़न को पुनर्जीवित किया है और देश विदेश में इसकी बेहतरीन प्रस्तुतियां कर चुके हैं। इसके बाद सईद मिर्जा की फिल्म 'सलीम लंगड़े पे मत रो' दिखाई जाएगी और उस पर चर्चा होगी। सईद मिर्ज़ा की फिल्म 'अलबर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है' की भी स्क्रीनिंग की जाएगी। समारोह के दौरान दिखाई जाने वाली अन्य प्रमुख फिल्मों में गिरीश कसरावल्ली की 'द्वीप', गीतांजलि राव की एनीमेशन फिल्म 'प्रिंटेड रेनबो', अल्बर्ट लैमोरेस्सी की 'रेड बैलून', माजिद मजीदी की 'सॉन्ग ऑफ द स्पैरो', ऋत्विक घटक की 'मेघे ढका तारा' और नेपाल के माओवादी आंदोलन पर आनंद स्वरुप वर्मा द्वारा बनाई बनी एक अहम राजनीतिक फिल्म 'बर्फ की लपटें' का प्रदर्शन किया जाएगा। इनके अलावा भी कई बेहतरीन डॉक्यूमेंट्र और फीचर फिल्मों का प्रदर्शन होना है। हर फिल्म के बाद उस पर विशेष परिचर्चा का आयोजन होगा। चार दिनों के इस समारोह में हिस्सा लेने वाले प्रमुख लोगों में फिल्मकार सईद मिर्जा, गिरीश कसरावल्ली, आनंद स्वरुप वर्मा, जवरीमल्ल पारख, अनुपमा श्रीनिवासन, पारोमिता वोहरा, अशोक भौमिक, आशीष श्रीवास्तव, तरुण भारती और देबरंजन सारंगी के नाम शामिल हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के नाम पर दास्तानगोई के अलावा असम के जनगायक लोकनाथ गोस्वामी भी अपना कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। समारोह में शामिल होने के लिए या किसी भी तरह की जानकारी के लिए गोरखपुर फिल्म सोसायटी के संयोजक मनोज कुमार सिंह (91-9415282206) या जन संस्कृति मंच के फिल्म ग्रुप के संयोजक संजय जोशी (91-9811577426) से संपर्क किया जा सकता है। विस्तृत विवरण के लिए गोरखपुर फिल्म फेस्टिवल का ब्लॉग देखें।
(सौजन्य- गोरखपुर फिल्म सोसायटी)
Many thanx Ashish ji,
ReplyDeleteSanjay Joshi
Convener
5th Gorakhpur Film Festival
09811577426, 09415282206
many heartiest cngratulatiosn to Gorakhpur film society fo rtheir wondrful programme
ReplyDeletemay i request/ suggest them to join FFSI so that teh dead FFSI can be brought to life and otersociteis learn form gorakhpur
Dr Anil VArshney